बात तो एकदम सही है। गधों पे अल्ला मेहरबान रहता ही है। क्योंकि गधा बेमतलब की बुद्धि लगाता ही नहीं है। लेकिन स्मार्ट लोगों की इस दुनिया में गधा बनने को तैयार कौन होता है? बस इसीलिए हजारों में एक सुखी और सफल है।
‘हां’ आस्तिकता है और ‘ना’ नास्तिकता है। आपने जीवन में जितनी चीजों का दृढ़तापूर्वक निषेध कर रखा है…उतने ही आप अधार्मिक। अधार्मिकता का अर्थ ही ईश्वर की रचनाओं का अस्वीकार है।
‘Yes’ is theism and ‘No’ is atheism. In life the number of things that you have firmly abstained from…shows how irreligious you are. The meaning of irreligiousness itself is the denial of God’s creations.