June 30, 2015 8:58 am

आपकी पूरी दुनिया आपके भीतर है और वह सिर्फ मन की आंखों से देखी जा सकती है। …वहां सुख-ही-सुख है। आप आंख, कान व मुंह से जिस भी दुनिया के संपर्क में आ रहे हैं, वह सिवाय माया के और कुछ नहीं है। इसलिए ऐसा हर संपर्क आपको सिवाय दुःख के और कुछ नहीं दे रहा है।

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