March 22, 2015 9:30 am

हमें न सूरज-चांद उगाने हैं, न गुरुत्वाकर्षण ही सम्भालना है। हमें तो अपने खाये भोजन का खून तक नहीं बनाना है। हमें तो सिर्फ अपने जीवन को आनंद, शांति व सफलता की राह पर लगाना है। क्या यह हास्यास्पद नहीं कि बुद्धिमानी का दावा करने वाले हमसे इतना तक नहीं होता?

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